Essay on GST in Hindi for UPSC exam
Hello friends,
कर एक ऐसा साधन है जो किसी भी देश के सरकार एवं कानून को मूर्त रूप प्रदान करता है क्योंकि कराधान ही सरकार के आय का मुख्य स्रोत है। सभी देश अपने-अपने कानूनों के अनुसार नागरिकों से कर की वसूली करते हैं और उसका उपयोग राष्ट्र की उन्नति में करते हैं। कर सामान्यतः दो प्रकार का होता है- प्रत्यक्ष कर व अप्रत्यक्ष कर। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) एक अप्रत्यक्ष कर है, जो किसी वस्तु को खरीदने पर या किसी सेवा का लाभ उठाने पर चुकाना पड़ता है। भारत में जीएसटी को लागू हुए लगभग 4 वर्ष से भी ज्यादा समय हो गया है फिर भी लोगों को इसके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। आप सभी की इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हम यहां जीएसटी पर निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं, हमें आशा है कि ये निबंध आपको पसंद आयेगा और जीएसटी पर आपकी समझ को विकसित करेगा।
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Essay on GST in Hindi for UPSC exam
प्रस्तावना (जीएसटी का अर्थ)
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) एक समन्वित कर प्रणाली है अर्थात भारत में पहले से लगे हुए बहुत से करों को हटाकर उनके जगह पर सिर्फ एक कर, जीएसटी लगाया गया है। भारत में जीएसटी को 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था, तब से लेकर अब तक इसमें बहुत से परिवर्तन किए जा चुके हैं।
जीएसटी की आवश्यकता
भारतीय संविधान ने उत्पादन एवं सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार केन्द्र सरकार को तथा वस्तु की बिक्री पर कर लगाने का अधिकार राज्य को दिया था, जिसके आधार पर सभी ने अपने-अपने हिसाब से कर बनाए थे। इस प्रणाली में एक वस्तु पर कई प्रकार के कर लद जाते थे, कभी-कभी तो कर के ऊपर कर वाली स्थिति भी बन जाती थी। इन समस्याओं से निपटने के लिए जीएसटी को लागू किया गया है।
जीएसटी के लाभ
जीएसटी से लगभग सभी क्षेत्र के लोगों को लाभ हुआ है जिनमें से कुछ निम्नवत हैं-
सामान्य लोगों को लाभ
एक वस्तु पर लगने वाले अनेक करों से छुटकारा मिल गया।
प्रतिदिन इस्तेमाल होने वाले वस्तुओं के कर दर में कमी।
सरकार की आमदनी में वृद्धि से शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन आदि सेवाओं में सुधार के आसार, इत्यादि
व्यवसायियों को लाभ
हर राज्य के अलग-अलग करों एवं चुंगियों से छुटकारा।
कारोबार एवं मुनाफे में वृद्धि।
केन्द्र एवं राज्य सरकारें मिलकर लघु उद्योगों एवं उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए कारोबार में रियायत दे रही हैं। इत्यादि
जीएसटी की प्रमुख विशेषताएं
पुराने कर सिस्टम में व्याप्त कमियों को दूर करने के लिए भारत सरकार ने 1 जुलाई 2017 को जीएसटी के रूप में एक नये कर प्रणाली को लागू किया जिसकी कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
इस कर प्रणाली में उत्पादन के जगह उपभोग पर कर लगता है।
इसमें कर के ऊपर कर नहीं चढ़ता है।
पूरी तरह से ऑनलाइन सिस्टम होने के कारण इसमें धांधली की आशंका कम हो जाती है।
राज्य सरकारें मनमानी कर नहीं लगा सकती हैं। इत्यादि
जीएसटी से हानियां
किसी भी प्रणाली के फायदे के साथ-साथ कुछ नुकसान भी होते हैं। जीएसटी के भी अपने कुछ नुकसान है, जो निम्नलिखित हैं-
व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने के लिए जीएसटी सॉफ्टवेयर खरीदना
जीएसटी के कारण निम्न वस्तुओं के दामों में वृद्धि हुई है:-
स्कूल की फीस।
कूरियर सेवाएं।
मोबाइल बिल में।
निवेश और बैंकिंग प्रबंधन सेवाएं।
मकानों का किराया।
तंबाकू और सिगरेट उत्पाद
स्वास्थ्य संबंधित सेवाएं।
रेल या मेट्रो से यात्रा करना, इत्यादि
निष्कर्ष
जीएसटी के फायदे के साथ-साथ अपने कुछ नुकसान भी है लेकिन अगर इसके नुकसानों को नजरअंदाज कर दिया जाए तो पता चला है कि जीएसटी का प्रारूप इस प्रकार से तैयार किया गया है कि यह व्यवसायियों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी लाभान्वित करता है। यह केन्द्र एवं राज्य सरकारों के कई अप्रत्यक्ष करों जैसे- मूल्य वर्धित कर, केन्द्रीय मूल्य वर्धित कर, उत्पाद कर, सीमा शुल्क, राज्य उत्पादन शुल्क इत्यादि का स्थान लेता है।
प्रस्तावना (जीएसटी की परिभाषा)
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यापक, गंतव्य आधारित, बहु-स्तरीय कर है। जो अप्रत्यक्ष रूप से वस्तु एवं सेवाओं के उपयोग पर लगाया जाता है। माल एवं सेवा कर अधिनियम को 29 मार्च 2017 को भारतीय संसद में पारित किया गया तथा 1 जुलाई 2017 को इसे भारत में लागू कर दिया गया था। यह एक एकीकृत कर प्रणाली है जिसने भारत में कई अप्रत्यक्ष करों का स्थान ले लिया है।
जीएसटी के प्रकार
वैसे तो जीएसटी एक एकीकृत कर प्रणाली है, परन्तु भारत में इसे 4 अलग-अलग नामों से जाना जाता है-
केंद्रीय माल और सेवा कर
जब कोई कारोबार एक ही राज्य के दो या अधिक कारोबारियों के बीच होता है, तो कर के रूप में उनके द्वारा केंद्र को दी गई धनराशि CGST कहलाती है।
राज्य वस्तु एवं सेवा कर
जब कोई कारोबार एक ही राज्य के दो या अधिक कारोबारियों के बीच होता है, तो उनके द्वारा राज्य सरकार को दिया जाने वाला कर, SGST कहलाता है।
केंद्र शासित प्रदेश माल और सेवा कर
जब कोई कारोबार किसी केन्द्र शासित राज्य के दो व्यापारियों के बीच होता है, तो व्यापारियों द्वारा केन्द्र शासित राज्य को दिया गया कर, UTGST/ UGST कहलाता है।
एकीकृत माल और सेवा कर
अगर कोई व्यापार दो अलग-अलग राज्यों के कारोबारियों के बीच किया जाता है, तो उससे मिलने वाले कर पर केन्द्र एवं राज्य दोनों का अधिकार होता है, इस प्रकार के कर को, जीएसटी कहते हैं।
जीएसटी की दरें
अलग-अलग प्रकार की वस्तुओं के लिए जीएसटी की दरें अलग-अलग निर्धारित की गई है-
00% जीएसटी दर- जीवन के लिए मौलिक सेवाओं एवं वस्तुओं पर, जैसे- अनाज, सब्जियां, नमक, गुड़ आदि
05% जीएसटी दर-जीवन के लिए आवश्यक सेवाओं एवं वस्तुओं पर, जैसे– काफी, तेल, मसाला, चाय, चीनी आदि
12% जीएसटी दर- प्रतिदिन इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं पर, जैसे- छाता, दंत मंजन, नमकीन, दवाइयां आदि
18% जीएसटी दर- मध्य स्तरीय जीवन शैली में आने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं पर, जैसे- शैंपू, डिटरजेंट, आइसक्रीम, रेफ्रिजरेटर आदि
28% जीएसटी दर- विलासितापूर्ण जीवन शैली में आने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं पर, जैसे- ऑटोमोबाइल, पान मशाला इत्यादि
जीएसटी रिटर्न के प्रकार
जीएसटी रिटर्न निम्नलिखित प्रकार का होता है-
माल और सेवा कर रिटर्न 1
इसमें व्यापारियों को पूरे महीने की बिक्री का ब्यौरा, अगले माह की 11 तारीख से पहले तक दाखिल करना होता है। जिन कारोबारियों की सालाना बिक्री 1.5 करोड़ से कम होती है उन्हे यह रिटर्न हर तिमाही दाखिल करना पड़ता है।
माल और सेवा कर रिटर्न 2
यह रिटर्न खुद की खरीदारी का ब्यौरा देने के लिए बनाया गया था परन्तु फिलहाल में इसे स्थगित रखा गया है।
माल और सेवा कर रिटर्न 3
इस रिटर्न को फाइल करते समय इसमें समस्त बिक्री एवं खरीदों के साथ-साथ चुकाए गए करों का भी विवरण देना होता था। वर्तमान में इसे भी वर्तमान में स्थगित कर दिया गया है।
माल और सेवा कर रिटर्न 4
प्रारम्भ में GSRT-3 को लागू करने में कुछ समस्या थी, तो भारत सरकार ने उसके विकल्प में GSTR-3B जारी किया है। इसमें पूरे महीने का क्रय, विक्रय तथा चुकाए गए कर का विवरण संक्षिप्त में देना होता है।
जीएसटी की अनिवार्यता
जीएसटी की अनिवार्यता की सीमा वस्तु तथा सेवा के लिए भिन्न – भिन्न हैं-
सेवाओं से संबंधित ऐसे व्यवसाय जिनका सालाना टर्नओवर 20 लाख से अधिक होता है उनका जीएसटी में पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है तथा वहीं वस्तु से संबंधित व्यवसायों के लिए यह सीमा 40 लाख से अधिक है। पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में यह सीमा 20 लाख रुपये है।
जीएसटी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
अनुकूल प्रभाव-
उपभोग पर कर लगने के कारण, उत्पादकों पर कर का बोझ कम हुआ जिससे वो ज्यादा उत्पादन को प्रेरित हुए।
सिस्टम की पारदर्शिता ग्राहकों को जागरूक करती हैं।
जीएसटी ने सरकार के राजस्व क्षेत्र को बढ़ा दिया हैं।
प्रतिकूल प्रभाव-
1 जुलाई 2017 से पहले बाजार में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, परन्तु 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होते ही कारोबार जगत में मानो चुनौतियों की लहर सी आ गई। शुरुआती दौर में इसकी कमियों पर बहुत काम किया गया मगर ऐसा जान पड़ता है की अभी भी यह अपने उद्देश्य को पाने में असफल है।
एक रिपोर्ट यह बताता है कि जीएसटी लागू होने से पहले, अप्रत्यक्ष करों के संग्रह में वृद्धि दर 21.33% था परन्तु 2017-18 में यह 5.80% हो गया।
जीएसटी और भारत का विकास
जीएसटी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के अनेक क्षेत्रों को प्रभावित किया है-
जीएसटी ने भारत के कई अप्रत्यक्ष करों का स्थान लेकर कर संग्रह संरचना को बदल कर एकीकृत कर प्रणाली में ढाल दिया।
निर्यात में अधिक प्रतिस्पर्धा आ जाएगी।
जीएसटी ने कृषि क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, सकल घरेलू उत्पाद में इसका लगभग 16 प्रतिशत तक योगदान है।
सूचना प्रौद्योगिकी को जीएसटी ने कई नये अवसर प्रदान किए। जैसे- करों के दोगुना कर प्रभाव को हटाना, व्यापार पुनर्गठन, जीएसटी के लिए सॉफ्टवेयर बनाने में अवसर इत्यादि।
जीएसटी ने भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को भी प्रभावित किया।
होटलों एवं पर्यटनों से प्राप्त आय अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा होता है, यह GDP को बढ़ाने में मदद करता है। जीएसटी ने उनको भी प्रभावित किया है।
जीएसटी द्वारा मनोरंजन उद्योग भी प्रभावित हुए है।
जीएसटी के कारण निर्यात एवं आयात दोनों प्रभावित हुए है। इत्यादि
निष्कर्ष
जीएसटी भारत के अप्रत्यक्ष करों का रीढ़ है, इस अकेले में भारत के कई कर समाये हुए हैं। यह दोहरे कराधान एवं कर के ऊपर कर को रोकने के लिए लाया गया है। जीएसटी उपभोक्ताओं द्वारा चुकाया जाने वाला अप्रत्यक्ष कर है, जो उत्पादन पर न लग के उपभोग पर लगता है। प्रारम्भ में इसमें कुछ कमियां थी परन्तु सरकार के निरंतर प्रयास से इसकी अधिकतर कमियों को दूर किया जा चुका है, वर्तमान में इसका लाभ सभी क्षेत्र के लोग उठा रहे हैं।
जीएसटी पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions on GST in Hindi)
प्रश्न.1 भारत में जीएसटी की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर- 1 जुलाई 2017 को (1 July 2017)।
प्रश्न.2 भारत में जीएसटी सबसे पहले कहाँ लागू हुआ?
उत्तर- असम राज्य में,12 अगस्त 2016 को ।
प्रश्न.3 जीएसटी परिषद का मुख्यालय भारत में कहाँ है?
उत्तर- नई दिल्ली (New Delhi) में।
प्रश्न.4 जीएसटी लागू करने वाला अंतिम राज्य कौन सा है?
उत्तर- जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)।
प्रश्न.5 जीएसटी कितने देशों में लागू है?
उत्तर- जीएसटी विश्व के लगभग 164 देशों में लागू है।
प्रश्न.6 सबसे पहले जीएसटी कौन से देश में लागू हुआ था?
उत्तर– फ्रांस ने, 1954 में।
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