गणित के सूत्र [ All Math Formula ] PDF In Hindi Download

गणित के सूत्र [ All Math Formula ] PDF In Hindi Download

गणित के सभी सूत्र Download PDF in Hindi

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गणित के सूत्र कितने प्रकार के होते हैं?

No.-1. बीजगणित के सूत्र

No.-2. क्षेत्रमिति के सभी Formula

No.-3. त्रिभुज के प्रकार एवं उनके क्षेत्रफल

No.-4. विषमबाहु त्रिभुज

No.-5. विषमबाहु त्रिभुज के सूत्र

No.-6. समकोण त्रिभुज

No.-7. समकोण त्रिभुज का सूत्र

No.-8. समबाहु त्रिभुज

No.-9. समबाहु त्रिभुज का सूत्र

No.-10. समलम्ब चतुर्भुज का सूत्र

No.-11. सम चतुर्भुज ke Formula

No.-12. चक्रीय चतुर्भुज का फार्मूला

No.-13. बहुभुज का फार्मूला

No.-14. वृत्त का फार्मूला

No.-15. घन का फार्मूला

No.-16. घनाभ का फार्मूला

No.-17. बेलन का फार्मूला

No.-18. शंकु का सूत्र

No.-19. गोला का फार्मूला

No.-20. प्रतिशत के सूत्र:

No.-21. अंक गणित के सूत्र

No.-22. अंकगणित पर आधारित सभी Formula

No.-23. चक्रवृद्धि ब्याज के सूत्र

No.-24. त्रिकोणमिति के सूत्र

No.-25. त्रिकोणमिति के सामान्य फार्मूला

No.-26. त्रिकोणमिति अनुपातों के मध्य संबंध

No.-27. त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ (Trigonometric Identities in Hindi):

No.-28. त्रिकोणमितीय दो कोणों के योग एवं अंतर | Trikonmiti Formula

No.-29. दो त्रिकोणमितीय कोणों का सूत्र

No.-30. तीन त्रिकोणमितिय कोणों का सूत्र

No.-31. sin θ तथा cos θ का योग त्रिकोणमितिय फार्मूला

No.-32. त्रिकोणमितिय टेबल | Trikonmiti Table

गणित के सूत्र किसे कहते हैं?

No.-1. गणित के प्रश्नों को हल करने के लिए गणित के सूत्र बहुत महत्वपूर्ण होते है इसलिए हमारे आज के ब्लॉग में हमने गणित के सभी सूत्रों को शामिल किया है।

No.-2. जैसा कि आप सभी इस बात से भली भांति परिचित हैं कि गणित में छोटे से छोटे प्रश्न को हल करने के लिए एक विशेष तरीके(Method) की आवश्यकता होती है इसी तरीके (Method) को Formula का रूप देकर किसी भी समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है

No.-3.“गणित में प्रतीकों एवं किसी तर्क-भाषा के रचना के नियमों का प्रयोग करते हुए बनाई गई समीकरण को सूत्र (Formula) कहते हैं।”

No.-4. विज्ञान में किसी सूचना या विभिन्न राशियों के बीच गणितीय सम्बन्ध को छोटे रूप में दर्शाने को सूत्र (Formula) कहते हैं।

No.-5. रासायनिक सूत्र भी किसी तत्व या यौगिक को प्रतीकात्मक रूप से संक्षेप में लिखने का तरीका मात्र है।

आयत (Rectangle) :- वह चतुर्भुज जिसकी आमने-सामने की भुजाएं समान हो तथा प्रत्येक कोण समकोण (90º) के साथ विकर्ण भी समान होते हैं।

No.-1. आयत का क्षेत्रफल = लम्बाई (l) × चौड़ाई (b)

No.-2. आयत का परिमाप = 2 (लम्बाई + चौड़ाई)

No.-3. कमरे की चार दीवारों का क्षेत्रफल = 2 (लम्बाई + चौड़ाई) × ऊंचाई

वर्ग (Square) :- उस चतुर्भुज को वर्ग कहते हैं, जिनकी सभी भुजाएं समान व प्रत्येक कोण समकोण है।

वर्ग का क्षेत्रफल = (भुजा)2 (विकर्ण)2
Square का विकर्ण = भुजा
वर्ग का परिमाप = 4 × (भुजा)2
(नोटः यदि किसी वर्ग का क्षेत्रफल = आयत का क्षेत्रफल हो, तो आयत का परिमाप सदैव वर्ग के परिमाप से बड़ा होगा।)

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Important Formula Notes :-

समानांतर चतुर्भुज (Parallelogram) :- जिस चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएं समानांतर व समान हो वह समानांतर चतुर्भुज कहलाता है। समानांतर चतुर्भुज के विकर्ण परस्पर एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं। एक विकर्ण समानांतर चतुर्भुज को दो समान त्रिभुजों में बांटता है।

No.-1. समानांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × ऊंचाई

No.-2. समानांतर चतुर्भुज का परिमाप = 2 × आसन्न भुजाओं का योग

समचतुर्भुज (Rhombus) :- उस समानान्तर चतुर्भुज को समचतुर्भुज कहते हैं जिसकी सभी भुजाएं समान हो तथा विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करते हों, पर कोई कोण समकोण न हो।

No.-1. समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = विकर्णों का गुणनफल

No.-2. समचतुर्भुज का परिमाप = 4 × एक भुजा

समलम्ब चतुर्भुज (Trapezium) :- जिस चतुर्भुज की एक जोड़ी समानांतर हो, अन्य जोड़ी भुजाएं असमानांतर हो, तो वह समलम्ब चतुर्भुज होता है।

समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = समानांतर भुजाओं का योग × ऊंचाई

विषमकोण समचतुर्भुज (Rhombus) :- वैसा चतुर्भुज जिसकी चारों भुजा आपस में समान हो तथा आमने-सामने की भुजा आपस में समानांतर हो, वह विषमकोण समचतुर्भुज कहलाता है।

समचतुर्भुज का परिमाप = 4 × भुजा

समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × ऊंचाई

इस चतुर्भुज में आमने-सामने का कोण समान होता है तथा इसके विकर्ण एक-दूसरे को समकोण पर समद्विभाजित करते हैं।

वृत्त (Circle) :- वृत्त बिंदुओं को एक बिंदुपथ है जिसमें एक स्थिर बिंदु से घूमने वाली एक-दूसरे बिंदु के मध्य की दूरी समान होती है, स्थिर बिंदु वृत्त का केंद्र कहलाता है ।

त्रिज्या (Radius) :- वृत्त के केंद्र से परिधि को मिलाने वाली सरल रेखा त्रिज्या कहलाती है।

व्यास (Diameter) :- वृत्त की परिधि से चलकर वृत्त की दूसरी परिधि के कोने को छूने वाली वह रेखा, जो वृत्त के केंद्र से गुजरती है, व्यास कहलाती है।

जीवा/चापकर्ण (Chord) :- किसी वृत्त की परिधि के किन्हीं दो बिंदुओं को मिलाने वाली रेखा-खण्ड वृत्त की जीवा कहलाती है।

त्रिज्याखण्ड (Sector) :- किसी वृत्त की दो त्रिज्याएं एवं उसके अंतर्गत चाप से बनी आकृति को त्रिज्याखण्ड कहते हैं।

वृत्तखण्ड (Segment) :- किसी वृत्त की जीवा व चाप से घिरे क्षेत्र को वृत्तखण्ड कहते हैं। यहां छायांकित भाग वृत्तखण्ड है।

संकेंद्रीय वृत्त (Concentric Circle) :- यदि दो या दो से अधिक वृत्तों का केंद्र एक ही हों, तो उन वृत्तों को संकेंद्रीय वृत्त कहते हैं।
सूत्रः–

वृत्त का क्षेत्रफल = πr2

वृत्त की परिधि = 2πr

त्रिज्याखण्ड का क्षेत्रफल (चाप AB) × r (जहां θ = केंद्रीय कोण)

संकेंद्रीय वृत्तों के वलय का क्षेत्रफल = π (r2 – r2)

अर्द्धवृत्त का परिमाप = (π + 2) r

Important Points:-

किसी आयताकार/वर्गाकार/वृत्ताकार मैदान के चारों ओर दौड़ने/तार बिछाने से संबंधित प्रश्नों में उनकी परिमाप ज्ञात करना आवश्यक होता है।
एक वर्ग व उसी वर्ग के विकर्ण पर खींचे गए एक अन्य वर्ग के क्षेत्रफल के बीच का अनुपात 1:2 होगा।
वर्गाकार/आयताकार तार की लम्बाई उस वर्ग या आयत के परिमाप के बराबर होती है।
एक वृत्ताकार तार की लम्बाई उस वृत्त के परिमाप या परिधि के बराबर होती है।
एक पहिए द्वारा एक चक्कर में तय की गई दूरी वृत्ताकार पहिए की परिधि के समान होगी।
त्रिभुज (Triangle) :- तीन भुजाओं से घिरे क्षेत्र को त्रिभुज कहते हैं।

त्रिभुज का क्षेत्रफल आधार × ऊंचाई
Triangle का परिमाप = सभी भुजाओं का योग
समकोण त्रिभुज (Right-angle Triangle) :- जिस त्रिभुज का एक कोण समकोण अर्थात् 90º होता है। इस त्रिभुज में समकोण के सामने वाली भुजा को कर्ण कहते हैं।

(कर्ण)2 = (लम्ब)2 + (आधार)2
समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल = आधार × लम्ब
समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle) :- जिस त्रिभुज की सभी भुजाएं समान हो तथा प्रत्येक कोण 60º होता है।

No.-1. समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल =(भुजा)2

No.-2. समबाहु त्रिभुज का परिमाप = 3 × एक भुजा

समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle) :- जिस त्रिभुज की केवल दो भुजाएं समान हो वह समद्विबाहु त्रिभुज कहलाता है।

No.-1. समद्विबाहु त्रिभुज का परिमाप = 2a + b

विषमबाहु त्रिभुज (Scalene Triangle) :- जिस त्रिभुज की सभी भुजाएं असमान हों।

गणित के सभी सूत्र in Hindi

अब हम गणित के सूत्र class 8, गणित सूत्र pdf, गणित के सूत्र class 10, गणित के सूत्र हिंदी में, गणित के सूत्र कक्षा 10 से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी को निचे दिए गये बिन्दुओ के माध्यम से पढ़ते है.

सर्वसमिकाएँ
उभयनिष्ट गुणक

c(a+b) = ca + cb
द्विपद का वर्ग

(a+b)2 = a2 + 2ab + b2
(a-b)2 = a2 – 2ab + b2
दो पदों के योग एवं अन्तर का गुणनफल (वर्गान्तर सूत्र)

a2 – b2 = (a+b) (a-b)
अन्यान्य सर्वसमिकाएँ (घनों का योग व अंतर)

a3 – b3 = (a-b) (a2 + ab + b2)
a3 + b3 = (a+b) (a2 – ab + b2)
द्विपद का घन

(a + b)3 = a3 + 3a2b + 3ab2 + b3
(a – b)3 = a3 – 3a2b + 3ab2 – b3
बहुपद का वर्ग

(a + b + c)2 = a2 + b2 + c2 + 2ab + 2bc + 2ca
दो द्विपदों का गुणन जिनमें एक समान पद हो

(x + a )(x + b ) = x2 + (a + b )x + ab
गाउस (Gauss) की सर्वसमिका

a3 + b3 + c3 – 3abc = (a+b+c) (a2 + b2 + c2 – ab -bc – ca)
लिगेन्द्र (Legendre) सर्वसमिका

(a+b)2 + (a-b)2 = 2(a2 + b2)
(a+b)2 – (a-b)2 = 4ab)
(a+b)4 – (a-b)4 = 8ab(a2 + b2)
लाग्रेंज (Lagrange) की सर्वसमिका

(a2 + b2)(x2 + y2) = (ax + by)2 + (ay – bx)2
(a2 + b2 + c2) (x2 + y2 + z2) = (ax + by + cz)2 + (ay – bx)2 + (az – cx)2 + (bz – cy )2

महत्तम समापवर्तक एवं लघुत्तम समापवर्त्य (H.C.F. and L.C.M. )

No.-1. महत्तम समापवर्तक – ‘ महत्तम समापवर्तक ’ वह अधिकता संख्या है , जो दी गई संख्याओं को पूर्णतया विभाजित करती है । जैसे – संख्याएँ 10 , 20 , 30 का महत्तम समापवर्तक 10 है ।

No.-2. समापवर्तक ( Common Factor ) – ऐसी संख्या जो दो या दो से अधिक संख्याओं में से प्रत्येक को पूरी – पूरी विभाजित करें , जैसे – 10 , 20 , 30 का समापवर्तक 2 , 5 , 10 है ।

No.-3. लघुत्तम समापवर्त्य – दो या दो से अधिक संख्याओं का ‘ लघुत्तम समापवर्त्य ’ वह छोटी – से – छोटी संख्या है , जो उन दी गई संख्या में से प्रत्येक से पूर्णतया विभाजित हो जाती है । जैसे – 3 , 5 , 6 का लघुतम समापवर्त्य 30 है , क्योंकि 30 को ये तीनों संख्याएँ क्रमशः विभाजित कर सकती हैं ।

No.-4. समापवर्त्य ( Common Multiple ) – एक संख्या जो दो या दो से अधिक संख्याओं में । से प्रत्येक से पूरी – पूरी विभाजित होती हो , तो वह संख्या उन संख्याओं की समापवर्त्य कहलाती है , जैसे – 3 , 5 , 6 का समापवर्त्य 30 , 60 , 90 आदि हैं ।

No.-5. अपवर्तक एवं अपवर्त्य ( Factor and Multiple ) – यदि एक संख्या m दूसरी संख्या n को पूरी – पूरी काटती है , तो m को n का अपवर्तक ( Factor ) तथा n को m का अपवर्त्य ( Multiple ) कहते हैं ।

Number System in Hindi

No.-1. प्राकृत संख्याएँ (Natural Numbers): वस्तुओं को गिनने के लिए जिन संख्याओं का प्रयोग किया जाता है, उन्हें गणन संख्याएँ या ‘प्राकृत संख्याएँ’ कहते हैं।
जैसे- 1, 2, 3, 4, 5,6,7, . . . .
No.-2. पूर्ण संख्याएँ (Whole Numbers): प्राकृत संख्याओं में शून्य को मिलाने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती हैं उन्हें ‘पूर्ण संख्याएँ’ कहते हैं।
जैसे- 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, . . . .
No.-3. पूर्णांक संख्याएँ (Integers):प्राकृत संख्याओं में शून्य एवं ऋणात्मक संख्याओं को मिलाने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती हैं, उन्हें ‘पूर्णांक संख्याएँ’ कहते हैं।
जैसे- -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, . . . .
No.-4. सम संख्याएँ (Even Numbers): वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित होती हैं उन्हें ‘सम संख्याएँ’ कहते हैं।
जैसे – 2, 4, 6, 8, . . .
No.-5. विषम संख्याएँ (Odd Numbers) : वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित नहीं होती हैं उन्हें ‘विषम संख्याएँ ’ कहते हैं।
जैसे- 1, 3, 5, 11, 17, 29, 39 , . . . .
No.-6. अभाज्य संख्याएँ (Prime Numbers): वे संख्याएँ जो स्वयं और 1 के अलावा अन्य किसी संख्या से विभक्त नहीं होती हैं उन्हें ‘अभाज्य संख्याएँ’ कहते हैं।
जैसे- 2, 3, 7, 11, 13, 17 ……….
नोट -‘1’ न तो अभाज्य संख्या है और न ही भाज्य संख्या
No.-7. भाज्य संख्याएँ (Composite Numbers): वे संख्याएँ जो स्वयं और 1 के अलावा अन्य किसी संख्या से पूर्णतः विभक्त हो जाती हैं ,उन्हें ‘भाज्य संख्याएँ ’ कहते हैं।
जैसे- 4, 6, 8, 9, 10, …………

गणित के सूत्र
गणित के सूत्र किसे कहते हैं?

No.-1. गणित के प्रश्नों को हल करने के लिए गणित के सूत्र बहुत महत्वपूर्ण होते है इसलिए हमारे आज के ब्लॉग में हमने गणित के सभी सूत्रों को शामिल किया है।

No.-2. जैसा कि आप सभी इस बात से भली भांति परिचित हैं कि गणित में छोटे से छोटे प्रश्न को हल करने के लिए एक विशेष तरीके(Method) की आवश्यकता होती है इसी तरीके (Method) को Formula का रूप देकर किसी भी समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है

No.-3.“गणित में प्रतीकों एवं किसी तर्क-भाषा के रचना के नियमों का प्रयोग करते हुए बनाई गई समीकरण को सूत्र (Formula) कहते हैं।”

No.-4. विज्ञान में किसी सूचना या विभिन्न राशियों के बीच गणितीय सम्बन्ध को छोटे रूप में दर्शाने को सूत्र (Formula) कहते हैं।

No.-5. रासायनिक सूत्र भी किसी तत्व या यौगिक को प्रतीकात्मक रूप से संक्षेप में लिखने का तरीका मात्र है।

No.-8. असहभाज्य संख्याएँ (Co-Prime Numbers) : जब दो या दो से अधिक संख्याओं में कोई भी उभयनिष्ठ गुणनखंड न हो अथवा जिसका म.स. 1 हो ,वे एक साथ ‘सह-अभाज्य संख्याएँ’ कहलाती हैं।
जैसे- (4,9) , (12,25) ,(8,9,12) ।
No.-9. युग्म-अभाज्य संख्याएँ : ऐसी अभाज्य संख्याएँ जिनके बीच का अंतर 2 हो ‘युग्म-अभाज्य संख्याएँ’ कहलाती हैं।
जैसे- 11, 13

गणित के सूत्र Class 10

Relationship in Trigonometry formula

No.-1. Sin θ = 1 / cosec θ

No.-2. cosec θ = 1 / Sin θ

No.-3. cos θ = 1 / sec θ

No.-4. sec θ = 1/ cos θ

No.-5. sin θ.cosec θ = 1

No.-6. cos θ.sec θ = 1

No.-7. tan θ.cot θ = 1

No.-8. tan θ = sin θ / cos θ

No.-9. cot θ = cos θ / sin θ

No.-10. tan θ = 1 / cot θ

No.-11. cot θ= 1 / tan θ

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