UPSC Ethics handwritten notes pdf in Hindi

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Most Important Ethics Question Answer

प्रश्न – आप उपजिलाधिकारी हैं। आपने आज दिन में अपराह्न का भोजन एक रेस्तरां में किया। आपने वहाँ देखा कि कुछ छोटे बच्चे टेबल साफ कर रहे हैं और बर्तन धो रहे हैं। इस परिदृश्य को देखते हुए एक अधिकारी के रूप में आपका क्‍या नैतिक उत्तरदायित्व हैं?

उत्तर – प्रायः अधिकारी इस प्रकार की वस्तुस्थिति को देखते हुए उसकी उपेक्षा कर देते हैं और तर्क देते हैं कि यह स्थान उनके कार्यक्षेत्र से बाहर है लेकिन वस्तुतः मूल प्रश्न तो संवेदनहीनता एवं नैतिक उत्तरदायित्व के अभाव का है। ऐसी स्थिति में अधिकारी को चाहिए कि वह इसकी लिखित शिकायत उस कार्यक्षेत्र के अधिकारी को दे। यह एक गंभीर समस्या है। यह समस्या बाल श्रम और बाल शोषण दोनों से जुड़ी हुई है।

अधिकारी को केवल शिकायत दर्ज करा देने मात्र से अपने कर्तव्य की इतिश्री नहीं समझनी चाहिए बल्कि सर्वप्रथम उन्हें वहाँ से पूर्णतः मुक्त कराना चाहिए। रेस्तरां के मालिक के दंड के विधान का प्रावधान किया जाना चाहिए साथ ही बच्चों के पुनर्वास के लिए भी प्रयास करना चाहिए। इन सब कार्यों के लिए यदि एक अधिकारी के पास पर्याप्त समय का अभाव हो तो उसे किसी गैर सरकारी संगठन का भी सहयोग लेना चाहिए। भारत में इस विषय पर अनेक NGO कार्यरत हैं तथा अधिकारी को इस सन्दर्भ में आने वाली कठिनाइयों को शासन को लिखित रूप में सूचित करना चाहिए।

भारतीय प्रशासन में संवेदनशीलता और नैतिक उत्तरदायित्व का पूर्ण अभाव है। कुछ अधिकारियों को इस सन्दर्भ में सकारात्मक कदम उठाते हुए पहल करनी चाहिए और इसके लिए उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। वास्तव में सामाजिक समस्याओं का समाधान प्रशासनिक हस्तक्षेप से ही संभव है। प्रशासनिक अधिकारियों को यह समझना चाहिए और इसका नैतिक उत्तरदायित्व स्वीकार करना चाहिए ।

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Most Important Ethics Question Answer

प्रश्न-आप एक प्रशासनिक अधिकारी हैं। आप एक मंत्री के साथ एक विवाह समारोह में आमंत्रित हैं। विवाह समारोह में आप देखते हैं कि वर और वधू दोनों अभी नाबालिग हैं। ऐसी स्थिति में आप क्‍या करेंगे?

उत्तर – बाल विवाह आज भी भारत के अनेक प्रांतों में एक गंभीर सामाजिक समस्या के रूप में विद्यमान है। इससे संबंधित कानूनों का विधान तो हुआ है लेकिन प्रायः उनकी उपेक्षा एवं अवहेलना की जाती है। वास्तव में बाल विवाह एक कानूनी अपराध है।

एक अधिकारी का कर्तव्य है कि वह सर्वप्रथम इस आपराधिक कृत्य की सूचना पुलिस को दे और तत्काल इस बाल विवाह पर रोक लगाए साथ अपने मंत्री को भी इस आपराधिक कृत्य से अवगत कराए तथा इसे रूकवाने का सुझाव दे। प्रायः इस आपराधिक कृत्य से अवगत कराए तथा इसे रूकवाने का सुझाव दे। प्रायः अधिकारी इस प्रकार का साहस नहीं उठा पाते। वे मानवीय सह संबंध को तो महत्व देते हैं लेकिन उसमें निहित नैतिक उत्तरदायित्व की उपेक्षा करते हैं। वे समझते हैं कि उन्हें इसमें हस्तक्षेप की क्या आवश्यकता है, लेकिन यदि प्रशासनिक अधिकारी एवं मंत्री की उपस्थिति में ही इस प्रकार के आपराधिक कार्य होंगे तो जनसामान्य को और बल मिलेगा ।

अधिकारी को न केवल इस विवाह विशेष को रोकना चाहिए, बल्कि इस सामाजिक कुरीति को दूर करने के लिए संचार के अन्य माध्यमों का उपयोग करते हुए इसके खिलाफ जन जागृति बढ़ाने का भी प्रयास करना चाहिए। इस सन्दर्भ में अन्य संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है। इस सामाजिक कुरीति से संबंधित एक कार्ययोजना बनाने के लिए अपने उच्च अधिकारियों से मीटिंग में वार्ता करनी चाहिए। अर्थात्‌ सामाजिक समस्याओं से प्रशासनिक अधिकारियों को सीधे रूबरू होना चाहिए, क्‍योंकि इन सामाजिक क्रीतियों पर कानून का विधान तो हो चुका है लेकिन प्रशासनिक शिथिलता के कारण ही ये आपराधिक कृत्य बहुतायत होते रहते हैं। प्रशासन को इस पर सख्ती बरतनी चाहिए ।

Most Important Ethics Question Answer

प्रश्न – आपके ग्राम पंचायत में एक नई सड़क का निर्माण हो रहा है। इस सड़क पर कुछ पुलिया भी बनी है। पुलिया तो बनते ही टूट गई और पहली बारिश के साथ ही सड़क भी क्षत-विक्षत होकर बिखर गई। आपको ज्ञात है कि इसके निर्माण में सामग्री की उचित गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है। ऐसी स्थिति में आपका नैतिक उत्तरदायित्व क्या हैं?

उत्तर- भारतीय समाज प्रायः प्रशासनिक कार्यों से तटस्थ रहता है। सरकारी कार्यों को वह अपने व्यक्तिगत कार्यों की भांति नहीं देखता है। वह इस महत्वपूर्ण तथ्य की उपेक्षा करता है कि राष्ट्रीय संपत्ति जनता की ही संपत्ति है और इसमें जनता का ही पैसा लगा हुआ है तथा इसका उपयोग भी अंततः जनता ही करती है, लेकिन फिर भी भारतीय जनमानस में सामाजिक उत्तरदायित्व का अभाव होता है।

एक जागरूक नागरिक के रूप में इस कार्य की शिकायत संबंधित अधिकारी से ही की जानी चाहिए। इससे संबंधित सभी जानकारी के लिए सूचना अधिकार का उपयोग करना चाहिए। यदि जनपद के स्तर पर सूचना की जानकारी न प्राप्त हो सके तो प्रांत के स्तर पर लोकायुक्त की सहायता ली जानी चाहिए और इस प्रकार के आपराधिक कार्यों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए इस विभाग से संबंधित उच्च अधिकारियों और शासन में मंत्री एवं मुख्यमंत्री को भी आवेदन की एक-एक प्रति भेजी जानी चाहिए |

वस्तुतः भारतीय समाज में इस प्रकार के पहल की अत्यधिक आवश्यकता है।साधारण व्यक्तियों को सामाजिक कार्यों के प्रति संवेदनशील होना होगा। वास्तव में सामाजिक उत्तरदायित्व की चेतना का विकास भारतीय समाज के लिए आज अत्यधिक आवश्यक है।

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प्रश्न – आप अपने मित्र के विवाह में आमंत्रित हैं। आपका मित्र सिविल सेवा परीक्षा में इसी वर्ष चयनित हुआ है। वह अपने विवाह में एक करोड़ रूपया दहेज ले रहा है। आप इन सभी तथ्यों से भलीभांति अवगत हैं। ऐसी स्थिति में आप क्‍या करेंगे ?

उत्तर – भारतीय समाज में दहेज प्रथा आज भी एक ज्वलंत समस्या के रूप में विद्यमान है। सामाजिक स्तर पर इसका कोई समाधान प्रतीत नहीं होता और प्रशासन प्रायः इस विषय में हस्तक्षेप नहीं करता, जब तक कि इसकी शिकायत दर्ज न कराई जाए ।

वास्तव में यह सामाजिक समस्या मनुष्य के व्यक्तिगत मूल्य से संबंधित है। दहेज लेना या न लेना व्यक्ति का वैयक्तिक निर्णय होता है।

दहेज एक सामाजिक समस्या के साथ-साथ सामाजिक प्रतिष्ठा और अर्थोपार्जन का भी परिचायक है। दहेज को सामाजिक प्रतिष्ठा के रूप में देखा जाता है। दहेज प्राप्त करने वाला पक्ष इसे अर्थोपार्जन के रूप में भी देखता है। दहेज देने वाला संपन्न वर्ग तो स्वेच्छा से धन खर्च करना चाहता है लेकिन यह उनके लिए समस्या बन जाता है, जो आर्थिक रूप से विपन्न है।

एक मित्र होने के कारण सर्वप्रथम मेरा नैतिक उत्तरदायित्व है कि मैं मित्र को समझाऊं कि वह अपने विवाह में दहेज को प्राथमिकता न दे बल्कि अपनी होने वाली पत्नी की शिक्षा, गुणवत्ता, रोजगार और व्यक्तित्व को प्रमुखता दे। क्योंकि विवाह दो व्यक्तियों के मध्य पारस्परिक संबंध है। यह मधुर संबंध उन्नत व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। जहाँ तक पैसे का प्रश्न है सिविल सेवा में सफल होने के पश्चात्‌ वह स्वतः ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो गया है,और यदि उसकी होने वाली पत्नी भी यदि इसी सेवा में सम्मिलित है तो वह जीवन भर इतना कुछ दे देती है जिसकी तुलना दहेज से नहीं की जा सकती।

मित्र को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि उसके द्वारा लिया गया निर्णय समाज में एक प्रतिमान का रूप लेता है। ऐसी स्थिति में उसके कुछ सामाजिक उत्तरदायित्व भी हैं। एक मित्र होने के नाते मैं उसे इन सभी बातों से अवगत कराऊंगा और यदि मेरे इस आत्मीय प्रयास के बाद भी वह दहेज लेना अस्वीकार नहीं करता तो मैं बिना व्यक्तिगत संबंधों को क्षति पहुंचाए हुए उसके इस आपराधिक कृत्य की सूचना पुलिस को दूंगा तथा उचित कारवाई के लिए प्रयास करूंगा। दहेज प्रथा एक जघन्य सामाजिक अपराध है। इसे समाप्त करने के लिए हमें जब भी और जो भी सकारात्मक कदम वांछनीय प्रतीत होंगे मैं उन्हें अपनाऊंगा।

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Author: Deep

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