Sahitya Akademi Award 2022 for Hindi pdf download

Sahitya Akademi Award 2022 for Hindi pdf download

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Most Important Sahitya Akademi Award Question

ज्ञानपीठ के बाद दूसरा सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान
देश में चोटी के साहित्यकारों को सम्मानित करने के लिए साल 1954 में साहित्य अकादमी पुरस्कारों की शुरुआत हुई. यह पुरस्कार साहित्य अकादमी (नेशनल एकेडमी ऑफ लेटर्स) की ओर से हर साल दिया जाता है. ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला यह दूसरा सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान है. अकादमी की ओर से हर साल 24 भाषाओं में साहित्यिक कृतियों के साथ ही इन्हीं भाषाओं में साहित्यिक अनुवाद के लिए भी पुरस्कार दिए जाते हैं. भारत के संविधान में शामिल 22 भाषाओं के अलावा साहित्य अकादमी ने अंग्रेजी और राजस्थानी रचनाकारों को भी सम्मान पाने वाली भाषा के रूप में मान्यता दी है.

पुरस्कार की जरूरी शर्त
इस पुरस्कार के लिए कुछ जरूरी शर्तें भी हैं. जैसे- लेखक भारतीय नागरिक हो. पुरस्कार के लिए पात्र पुस्तक/ रचना का संबंधित भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हो. दो या दो से अधिक पुस्तकों के लिए समान योग्यता पाए जाने पर पुरस्कार की घोषणा हेतु साहित्य के क्षेत्र में कुल योगदान तथा लेखकों की स्थिति /प्रतिष्ठा आदि को ध्यान में रखा जाता है.

बाल साहित्य और युवा पुरस्कार
साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार बाल साहित्य में लेखकों के योगदान के आधार पर दिया जाता है. यह पुरस्कार वर्ष से पहले के पांच सालों के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों से संबंधित है. साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 35 साल और उससे कम उम्र के लेखक की पुस्तकों को दिए जाने का प्रावधान है. दोनों ही पुरस्कार 22 भारतीय भाषाओं के लिए दिए जाते हैं.

सम्मान राशि
साहित्य अकादमी पुरस्कार में विजेताओं को एक लाख रुपए नकद राशि और एक ताम्रपत्र दिया जाता है. पुरस्कार राशि पांच हजार रुपए से हुई थी. बाद में वर्ष 1983 में इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपए किया गया. साल 1988 में सम्मान राशि 25 हजार रुपए हुई. वर्ष 2001 से यह राशि 40 हजार रुपए हुई. फिर साल 2003 में फिर बढ़ाकर 50 हजार रुपए की गई. सरकार ने 2009 में पुरस्कार की राशि एक लाख रुपए कर दी.

ज्ञानपीठ पुरस्कार
ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत में सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है और इसे केवल एक भारतीय नागरिक को प्रतिवर्ष प्रदान किया जा सकता है. भारतीय संविधान (8 वीं अनुसूची) में उल्लिखित अन्य भाषाओं के साथ अंग्रेज़ी में भी यह पुरस्कार दिया जाता है. विजेता को 11 लाख रुपए की नकद राशि, एक प्रशस्ति पत्र और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की कांस्य प्रतिकृति प्रदान की जाती है. पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ की ओर से दिया जाता है.

अमिताव घोष ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता बनने वाले अंग्रेजी भाषा के पहले लेखक हैं. उन्हें वर्ष 2018 में यह सम्मान मिला. इसी तरह मलयालम भाषा के अक्कीतम अच्युतन नंबूदिरी को वर्ष 2019 में ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था. ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ने वर्ष 2021 और वर्ष 2022 के लिए क्रमश: 56वां और 57वां ज्ञानपीठ पुरस्कार असमिया साहित्यकार नीलमणि फूकन तथा वर्ष 2022 के लिए कोंकणी साहित्यकार दामोदर मौउजो को दिए जाने की घोषणा की गयी है.

सरस्वती सम्मान/व्यास सम्मान
ये दोनों प्रतिष्ठित सम्मान साहित्य क्षेत्र की विभूतियों को दिए जाते हैं. केके बिड़ला फाउंडेशन की ओर प्रायोजित दोनों ही सम्मान वर्ष 1991 में शुरू हुए. तब से अब तक नियमित तौर पर प्रतिवर्ष इन्हें दिया जा रहा है. सरस्वती सम्मान में 15 लाख रूपए, स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र और व्यास सम्मान में चार लाख रुपए सम्मान के रूप में मिलते हैं.

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साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार एवं बाल साहित्य पुरस्कार 2021
मुख्य साहित्य अकादमी पुरस्कारों के साथ अकादमी ने युवा पुरस्कार एवं बाल साहित्य पुरस्कार 2021 की भी घोषणा की । युवा एवं बाल पुरस्कार 22 भारतीय भाषाओं के लिए दिए गए | साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2021 में हिंदी के लिए हिमांशु वाजपेयी को उनके कहानी-संग्रह “किस्सा किस्सा लखनउवा – लखनऊ के अवामी किस्से’ के लिए, अंग्रेज़ी के लिए मेघा मजुमदार को उनके उपन्यास ‘ए बर्निंग’, उर्दू के लिए उमर फरहत को उनके काव्य संग्रह ‘ज़मीन ज़ाद’ तथा पंजाबी के लिए वीर देविंदर सिंह को उनके निबंध संग्रह ‘पा दे पैलां’ के लिए पुरस्कार दिए गए । पुरस्कार के अन्य विजेताओं में गौरब चक्रवर्ती (बंगाली), गौतम दैमारी (बोडो), अरुण आकाश देव (डोगरी), एच लक्ष्मी नारायण स्वामी (कन्नड़), श्रद्धा गरद (कोंकणी), लेनिन खुमानचा (मणिपुरी), अमित मिश्रा (मैथिली), और थगुल्ला गोपाल (तेलुगु) , दृष्टि सोनी (गुजराती), मोबिन मोहन (मलयालम), प्रणव सखादेव (मराठी) और कुना हंसदा (संताली), अभिजीत बोरा (असमिया), रजी ताहिर भगत (कश्मीरी), महेश दहल (नेपाली), श्वेतपद्मा शतपति (संस्कृत), राकेश शेवानी (सिंधी), और देबब्रत दास (उड़िया) के नाम शामिल हैं।

तमिल में पुरस्कार बाद में घोषित किया जाएगा तथा इस वर्ष राजस्थानी में पुरस्कार घोषित नहीं किया जाएगा।

साहित्य अकादमी बाल पुरस्कारों में हिंदी के लिए देवेंद्र मेवाड़ी को उनके नाटक-संग्रह ‘नाटक-नाटक में विज्ञान’, अंग्रेज़ी में अनीता वच्छरजनी को उनकी जीवनी पुस्तक ‘अमृता शेर-गिलः रिबेल विद ए पेंटब्रश’ तथा उर्दू के लिए कौसर सिद्दीकी को उनके कविता-संग्रह ’चराग फूलों के’ के लिए पुरस्कार दिए गए । अन्य प्राप्तकर्ताओं में मृणाल चंद्र कलिता (असमिया), सुनीरमल चक्रवर्ती (बंगाली), रत्नेश्वर नारजारी (बोडो), नरसिंह देव जामवाल (डोगरी), बसु बेविनागिडा (कन्नड़), मजीद मजाजी (कश्मीरी), सुमेधा कामत देसाई (कोंकणी), रघुनाथ पलेरी (मलयालम), निंगोमबम जदुमनी सिंह (मणिपुरी), संजय वाघ (मराठी), कीर्ति शर्मा (राजस्थानी), आशा अग्रवाल (संस्कृत), मु. मुरुगेश (तमिल) और देवराजू महाराजू (तेलुगु) के नाम शामिल हैं। गुजराती और पंजाबी भाषा में इस वर्ष बाल पुरस्कार नहीं दिए गए |

उल्लेखनीय है कि साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए रचनाकार की आयु 35 वर्ष या उससे कम होनी चाहिए | युवा पुरस्कार व बाल साहित्य पुरस्कार विजेताओं को एक उत्कीर्ण ताम्रफलक और 50,000 रुपये की राशि दी जाती है |

संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल 22 अनुसूचित भाषाएँ
भारतीय संविधान में कुल 12 अनुसूचियां (Schedules) हैं जिसमे से 8वीं अनुसूची में भारत गणराज्य की 22 आधिकारिक भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। ये भाषाएँ हैं : असमिया, बांग्ला,बोडो, डोगरी गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम,मैथिली मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी,संथाली, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगू व उर्दू । इन भाषाओं में से 14 भाषाएँ संविधान में प्रारंभ से ही हैं । वर्ष 1967 में सिंधी भाषा को 21वें सविधान संशोधन अधिनियम द्वारा 8वीं अनुसूची में शामिल किया गया | वर्ष 1992 में 71वें संशोधन अधिनियम द्वारा कोंकणी, मणिपुरी और नेपाली को शामिल किया गया। वर्ष 2003 में 92वें सविधान संशोधन अधिनियम जो कि वर्ष 2004 से प्रभावी हुआ, द्वारा बोडो, डोगरी, मैथिली और संथाली को इस अनुसूची में शामिल किया गया। वर्तमान में भोजपुरी ,कुडुख ,मागधी इत्यादि को भी अनुसूचित भाषा का दर्जा दिलाने के लिए क्षेत्रवार आन्दोलन चलाए जा रहे हैं |

परीक्षोपयोगी मुख्य बिंदु
साहित्य अकादमी पुरस्कार की शुरुआत 1954 से हुई है |
यह पुरस्कार साहित्य अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है |
भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल 22 अनुसूचित भाषाओं के अलावा अंग्रेज़ी तथा राजस्थानी भाषा में भी यह पुरस्कार दिया जाता है |
पुरस्कार विजेता को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है |
पुरस्कार का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में लेखन कार्य को पहचान एवं बढ़ावा देना तथा साहित्य में उनके योगदान को और समृद्ध बनाना है |
माखनलाल चतुर्वेदी हिंदी भाषा से इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले प्रथम कवि थे |
पुरस्कार प्राप्ति की योग्यता व शर्तें
रचनाकार के पास भारत की राष्ट्रीयता होनी चाहिये।
रचना का प्रकाशन भारत में होना चाहिये |
पुरस्कार के लिये चयनित रचना ने संबंधित भाषा और साहित्य के क्षेत्र की समृद्धि में योगदान दिया हो |
एक से अधिक पुस्तकों के बीच प्रतियोगिता की स्थिति में या जब उनके बीच समान योग्यता हो , तो विजेता की घोषणा कुछ निश्चित मानदंडों पर की जाती है जैसे कि :- साहित्य के क्षेत्र में रचनाकार का कुल योगदान,रचनाकारों की स्थापित प्रतिष्ठा इत्यादि |
रचना का प्रकाशन पिछले 5 वर्षों के दौरान हुआ हो |
पुरस्कार चयन के लिए प्रत्येक भाषा में तीन-तीन सदस्यों की जूरी गठित की जाती है और पुरस्कार के लिए विजेता का चयन या तो आम सहमति से अथवा बहुमत से किया जाता है |
ज्ञानपीठ पुरस्कार क्या है ?
ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है जो कि “भारतीय ज्ञानपीठ” द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है | यह पुरस्कार केवल एक भारतीय नागरिक ही प्राप्त कर सकता है। भारतीय संविधान की 8 वीं अनुसूची में उल्लिखित 22 भाषाओं के अलावा यह अंग्रेज़ी में भी प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के अंतर्गत 11 लाख रुपए की नकद राशि, एक प्रशस्ति पत्र और ज्ञान की देवी सरस्वती की एक कांस्य प्रतिकृति प्रदान की जाती है।

मलयालम भाषा के लेखक संकर कुरूप इस पुरस्कार के प्रथम विजेता थे (1965) | कोंकणी भाषा के दामोदर मौज़ो इस पुरस्कार के 57वें और नवीनतम विजेता हैं (2021)

वर्ष 2018 में लेखक अमिताव घोष यह पुरस्कार पाने वाले अंग्रेजी भाषा के प्रथम लेखक बने।

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Author: Deep

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